दिटवाह चक्रवात : श्रीलंका में चक्रवात भारत पर बड़ा असर, इन राजयों में भारी बारिश.
श्रीलंका में भारी तबाही मचाने के बाद, ‘दितवा’ (Ditwa) चक्रवात अब भारत के पूर्वी तट पर दस्तक दे रहा है। श्रीलंका के तट से यह तूफान सीधे भारत की ओर बढ़ा है, जिसके कारण आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय इलाकों को भारी नुकसान पहुंचा है। केवल पूर्वी तट ही नहीं, बल्कि इस चक्रवात के कारण महाराष्ट्र के मौसम में भी बड़ी उथल-पुथल शुरू हो गई है। दितवा चक्रवात के नाम से श्रीलंका, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया सहित कई देशों में भारी क्षति हुई है।
इस चक्रवात का सबसे गंभीर असर श्रीलंका में देखा गया। दितवा के कारण वहां बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जिसमें 150 से अधिक आम नागरिकों की मृत्यु हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। इस भीषण संकट को देखते हुए, भारत ने श्रीलंका की मदद के लिए ‘ऑपरेशन सागर सिंधु’ शुरू किया, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा कोलंबो में लगभग 27 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई। भारत ने अपने पड़ोसी राष्ट्र को मदद का हाथ बढ़ाया है, लेकिन अब यही तूफान भारतीय प्रशासन के सामने चुनौती बनकर खड़ा है।
श्रीलंका के बाद यह तूफान तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर पहुंचा है, और कुड्डालोर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई जैसे कई क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। श्रीलंका में भारी नुकसान करने के बाद, इस चक्रवात की यात्रा अब तमिलनाडु के समानांतर उत्तर दिशा में हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान की तीव्रता कम होकर इसके ‘गहरे दबाव’ (Deep Depression) में बदलने की संभावना है।
पूर्वी तट पर बचाव और राहत कार्यों के लिए प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए हैं। तमिलनाडु के तटीय जिलों में एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की 28 से अधिक आपातकालीन टीमें तैनात की गई हैं। इसमें महाराष्ट्र और गुजरात के पश्चिमी तटों की टीमें भी पूर्वी तट की मदद के लिए पहुंची हैं। इस तूफान के कारण कई सेवाओं में बाधा आई है। तमिलनाडु में बारिश के कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिसके परिणामस्वरूप कोलंबो हवाई अड्डे पर सैकड़ों भारतीय यात्री फंसे हुए हैं। साथ ही, पुडुचेरी में स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं और सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
दितवा चक्रवात का असर महाराष्ट्र के मौसम पर भी महसूस किया जाएगा। दिसंबर के मध्य में तळकोकण (तटीय कोंकण) सहित मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में छिटपुट भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। दूसरी ओर, पश्चिम महाराष्ट्र और विदर्भ में ठंड का प्रकोप बढ़ने का अनुमान है। चक्रवात से होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए नागरिकों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।