चने की पिंचिंग (ऊपरी हिस्सा तोड़ना): उत्पादन २०-२५ प्रतिशत बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कृषि सलाह.
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हरभरा मर होणारच नाही हा उपाय करा, गजानन जाधव यांचा कृषी सल्ला.
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दितवाह चक्रीवादळ ; श्रीलंका ते महाराष्ट्र, भारताला मोठा परिणाम.
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हमीभाव खरेदी नोंदणीबाबत शासनाचा मोठा निर्णय..पहा
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गेहूं की फसल में पहला पानी पर डाले ये 2 खाद, खेत कल्लो से भर जायेगा

गेहूं की फसल में पहला पानी पर डाले ये 2 खाद, खेत कल्लो से भर जायेगा.

गेहूं की अच्छी और बंपर पैदावार के लिए पहला पानी देना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। बिजाई के बाद, गेहूं में पहला पानी 18 से 25 दिन के बीच, और औसत रूप से 21 दिन के आसपास देना सबसे उत्तम होता है। इस समय को चुनने का मुख्य कारण यह है कि पौधे में ‘क्राउन रूट्स’ यानी शिखर जड़ें निकलना शुरू हो जाती हैं। ये नई जड़ें ही पौधे को मिट्टी से पोषक तत्व और पानी खींचने में मदद करती हैं। इन जड़ों का विकास जितना मजबूत होगा, उतना ही अधिक फुटाव (टिलरिंग) होगा, जिससे अंततः फसल की पैदावार बढ़ेगी। यदि आप पहला पानी देने में देर करते हैं, तो फुटाव कम होता है, और फसल में पीलापन आ सकता है, जबकि बहुत जल्दी पानी लगाने से भी पीलापन आ सकता है।

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पहले पानी के साथ सही खाद डालना भी उतना ही जरूरी है। नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए 30 से 35 किलोग्राम प्रति एकड़ यूरिया की मात्रा पर्याप्त होती है। अधिकतम फुटाव के लिए आप यूरिया के साथ कुछ जरूरी खादें मिला सकते हैं, जैसे कि जिंक सल्फेट (5 से 7 किलोग्राम) और सल्फर (90% WDG), अगर ये बिजाई के समय नहीं डाली गई थीं।

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